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श्री सरस्‍वती सेवा पुरस्‍कार-2009




डॉ. मदन सैनी

सीधे-सादे व्यक्तित्व के धनी डॉ. मदन सैनी का नाम राजस्थान के उन साहित्यकारों में लिया जा सकता है, जिन्होंने अपनी सृजन प्रतिभा के दम पर देशभर में अपनी पहचान कायम की है, वहीं राजस्थानी सहित्य को भी समृद्ध किया है।
राजस्थान के थली अंचल में श्रीडूंगरगढ कस्बे में 3 मई, 1958 को जन्मे श्री मदन सैनी ने वाणिज्य में स्नातक के बाद हिंदी में एम.ए. कर 'राजस्थानी काव्य में रामकथा` विषय पर पीएच.डी. की। डॉ सैनी ने वर्षों तक भारतीय विद्या मंदिर शोध प्रतिष्ठान (बीकानेर), मरूभूमि शोध संस्थान श्रीडूंगरगढ और मोहता लोक संस्कृति संस्थान सादुलपुर में शोध अधिकारी के रूप में कार्य किया। डॉ. मदन सैनी अपनी कविताओं और कहानियों के जरिए हिंदी व राजस्थानी की ख्यातनाम पत्रिकाओं में लगातार प्रकाशित होते रहे हैं, साथ ही दूरदर्शन और आकाशवाणी से इनकी रचनाओं का प्रसारण होता रहता है।
डॉ. सैनी हिंदी में अपने कविता संग्रह 'किताब और बच्चा`, कहानी संग्रह 'सफेदे और भेड़ें`, गीता का ज्ञान (बाल साहित्य), राजस्थानी काव्य में रामकथा (शोध ग्रंथ) आदि पुस्तकों के जरिए चर्चित और लोकप्रिय हुए हैं। डॉ सैनी ने शोध ग्रंथ 'रामरासौ`, सीत पुराण, कृष्णावतार, रामरास आदि का संपादन कर शोध के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है, वहीं वैचारिकी, राजस्थली, राजस्थानी गंगा, जागती जोत आदि के सह-संपादक रहे हैं।
आपको राजस्थानी कथा संग्रह 'फुरसत` के लिए राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी बीकानेर की ओर से मुरलीधर व्यास राजस्थानी कथा पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। दूसरे कहानी संग्रह 'भोळी बातां` की अनेक कहानियां हिंदी, अंग्रेजी, मलयालम, पंजाबी और कन्नड़ में अनुदित होकर लोकप्रिय हो चुकी हैं। आपके उल्लेखनीय योगदान के लिए नगर विकास न्यास बीकानेर की ओर से आपको एलपी टैस्सीटोरी गद्य पुरस्कार भी दिया गया। इसे अलावा भी विभिन्न पुरस्कारों पासे सम्मानित डॉ. मदन सैनी की रचनाएं माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान और विश्वविद्यालयों के राजस्थानी पाठ्यक्रम में शामिल की गई हैं।
फिलहाल बीकानेर के रामपुरिया महाविद्यालय में बतौर हिंदी व्याख्याता कार्यरत डॉ मदन सैनी राजस्थानी और हिंदी साहित्य भंडार की श्रीवृद्धि में संलग्न तो हैं ही, साथ ही युवा सृजनधर्मियों की एक पीढ़ी का निर्माण भी इन्होंने किया है। साहित्य के साथ-साथ साहित्यकारों की रचना के लिए डॉ मदन सैनी के योगदान की जितनी प्रशंसा की जाए, कम है। डॉ. सैनी को वर्ष 2009 का श्री सरस्वती सेवा सम्मान प्रदान करते हुए हम हर्षित और गौरवान्वित हैं।

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